बेटी है अनमोल

18 Mar 2017 13:35:49 PM

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कन्या समृद्धि योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ व बेटी है अनमोल जैसी योजनाएं ऐसे लोगों के आगे बेमानी साबित हो रही हैं जो बेटा व बेटी में भेद समझते हैं।

यह कहना बिलकुल सही है कि जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं। देवभूमि हिमाचल में खासकर नवरात्र के दौरान लोगकन्या पूजन करते हैं। बेटियों को देवी के समान माना जाता है। बात चाहे किसी भी क्षेत्र की हो, हिमाचल की बेटियों ने सफलता की बुलंदियां छूकर साबित किया है कि वे लड़कों से किसी मायने में उन्नीस नहीं हैं। कंगना रणौत, प्रिटी जिंटा, पूजा ठाकुर, कविता ठाकुर, सुमन रावत, आंचल राणा, डिकी डोलमा, सीता गोसाईं जैसी कई लड़कियां हैं जिन्होंने अभिनय, खेल व पर्वतारोहण के क्षेत्र में विशेष पहचान बनाई है। प्रदेश में आज कोई भी ऐसा कार्यक्षेत्र नहीं, जिसमें लड़कियां लड़कों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर न खड़ी हों। कई ऐसे अभिभावक भी हैं जिन्होंने केवल एक बेटी होने के बाद परिवार नियोजन को तरजीह दी और दूसरों के लिए मिसाल बनकर उभरे। ऐसे अभिभावकों ने बेटियों को खुला आसमान देकर कभी इस बात का अहसास नहीं होने दिया कि वे लड़कों से किसी मायने में कम हैं। दूसरा पहलू यह है कि प्रदेश में ऐसे अभिभावक भी हैं जो बेटा व बेटी में भेद करते हैं। ऐसे लोगों की मानसिकता में बदलाव नहीं आ पाया है। प्रदेश सरकार द्वारा चलाई गई बेटी है अनमोल, कन्या समृद्धि योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसी योजनाएं ऐसे लोगों के आगे बेमानी साबित हो रही हैं। बेटियों की लगातार गिरती जा रही संख्या के कारण देश के उन सौ जिलों में शामिल ऊना जिला जहां शिशु लिंगानुपात खतरनाक स्तर पर पहुंच गया था, वहां मुस्कान योजना के तहत एकत्रित किए गए डाटा ने एक बार फिर लोगों की मानसिकता की पोल खोल दी है। ऊना जिला में कई ऐसी गर्भवती महिलाएं सामने आई हैं जिनकी पहले से दो या इससे अधिक बेटियां हैं। इससे जाहिर है कि बेटे की चाहत आज भी कई परिवार त्याग नहीं पा रहे हैं। जिला प्रशासन ने ऐसी गर्भवती महिलाओं जिनकी पहले से बेटियां हैं, उनका डाटा इसलिए एकत्रित किया है ताकि कन्या भ्रूण हत्या पर सख्ती से नियंत्रण हो सके। यह बात समझी जानी चाहिए कि बेटियों को यदि उनका पूरा हक मिले तो वे भी परिवार को गौरवान्वित करने में कोई कसर नहीं छोड़ती हैं। बेटियों के प्रति लोगों को अपनी सोच में बदलाव लाना होगा। सरकारी स्तर पर भी लोगों को जागरूक करने के अभियान में और तेजी लानी होगी तभी बेटियों को पूरा मान सम्मान मिल पाएगा

                                             santosh kumar singh

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