नफ़रतें  बाँटो खुलेआम मगर,

19 Apr 2017 17:12:18 PM

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नफ़रतें  बाँटो खुलेआम मगर,
प्यार परदों में छिपा कर रखो, 

मुझसे कहते हैं ये हमदर्द मेरे,
दिल की बातों को दबा कर रखो 

बात सच्ची हो ज़रूरी तो नहीं,
उसपे सौ खोल चढ़ाकर रखो, 

जिससे दुनिया में आग लगती हो,
उसको दुनिया पे जलाकर रखो... 

मुझको लगता था प्यार सब कुछ है
इसपे दुनिया ही लुटाकर रखो 

सबका कहना है इश्क सौदा है
इसमें दिल को न सजा कर रखो...
                      -शिsssss...Nazar...

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