काव्य साधना साहित्यिक इकाई संस्कार भारती का होली.मिलन समारोह............
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माधव भवन में काव्य साधना इकाई द्वारा एक शानदार होली मिलन समारोह किया गया परम्परा अनुसार इसकी शुरूआत ध्येय गीत और माँ शारदे की वन्दना से की गयी दिल्ली आगरा पलवल ,फरिदाबाद के कवियों बेहतरीन कवियों ने बेहतरीन काव्य पाठ किया। आयोजन में प्रांतीय सह महामंत्री अभिषेक गुप्ता,प्रांतीय मातृशक्ति प्रमुख ऋचा शर्मा,प्रांतीय नाट्य विधा प्रमुख डा0सुरेश वशिष्ठ जिला संयोजक यशंवत शेखावत , मनोज शर्मा,कर्नल जे के सिंह महेन्द्र ककड और काव्य साधना इकाई की पूरी आयोजक टीम मौजूद रही आयोजन की अध्यक्षता संस्कार.भारती प्रांतीय मातृशक्ति प्रमुख ऋचा गुप्ता ने की व आयोजन को सराहा उन्होनें कहा संस्कार भारती ऐसे आयोजनों में नयी प्रतिभाओं को जोडा जाऐ और उनको आगे आने का मौका दिया जाऐ संस्कार भारती प्रतिभाओं को निखारने और संस्कारों को समाज में बनाऐ रखने के प्रयास का नाम है यह किसी विशेष जाति पंत समुदाय का हिस्सा नहीं ,आज समाज में हमारे देश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है कमी है तो अवसर दिलाने की आवश्यकता है उनको आगे लाया जाऐ। बेहतरीन नाटकों का मंचन करने वाले महेन्द्र ककड जी ने बेहतरीन गीत से समा बांधा,
अतिथि कवि रवि सरोहा जी ने एक खूबसूरत गजल कही उसकी तारीफ में गीत लिखता रहा ,
हार को अपनी मै जीत लिखता रहा,
मुझको छलता रहा है रकीबों सा वो
और नादां उसे प्रीत लिखता रहा।
लाडो कटारिया जी ने सुंदर हरियाणवी गीत प्रस्तुत किया।
सरीता भाटिया ने बेहतरी दोहे प्रस्तुत करे।वहीं अतिथि कवि रवि प्रकाश शर्मा ने हास्य रचना प्रस्तुत कर आयोजन में रंग जमाया।
अंकिता सिंह ने विरह गीत,व होली पर्व पर छन्द प्रस्तुत किए।
काव्य साधना मातृशक्ति प्रमुख कृष्णा जैमिनी ने सजना ने रंग डाला सजनी हुई रंगीली
लगता है मस्ती में दोनों ने भंग पी ली सुंदर मुक्तक कहे। मीना चौधरी
हसना रोना भूल गये रिश्ता निभाया पर रचना पढी ।
कवि मनोज मिश्रा कप्तान ने सुंदर मुक्तक कहे व छंद चौपाईयाँ पढी बडी ताकत बताई है मधुर मिश्री सी बोली में। जो बातें है मधुरता में वो ना बंदूक बोली में।।
कमल गोयल जी ने हमको पता है कैसे रात बिताया करते है।
अपनी माचिस से अपना मन आप जलाया करते है।।
होली के हुडदंग तुमने जाम चढाऐ जी भर के।
घर में घुसने से पहले क्यों पान चबाया करते है।।
बेहतरीन व्यंगात्मक कविता पाठ किया। साथ ही डा0बीना राघव ने प्रकृति व होली पर्व की सुंदरता पावनता दर्शाती रचना पढी। कवि यशवंत शेखावत ने ओजस्वी रचना पढी। कमलेश कौशिक ने इस धरती पर पैदा होने का हमको अभिमान तिंरगा है अपनी पहचान देश भक्ति ओजस्वी रचना पढकर समा बांधा।
फरिदाबाद से आऐ ए०एस०खान अली ने ये इन्कार का अंदाज नहीं रोज कहते हो आज नहीं ।
दर्द सीने में अचानक हो उठा, इसका कोई तयशुदा रिवाज नहीं शानदार मुक्तक व गजल पढी ।
आयोजन की व्यवस्था में राहुल पाण्डे व अनुज जैमिनी मनोज शर्मा का सहयोग रहा।
नवोदित कवयित्री एकता आर्य ने बहुत शानदार गजल कही।
उदितेन्दु निश्चल जी ने भी कार्यक्रम मे शानदार गीत प्रस्तुत किया। कवयित्री सुशीला शिवराण ने कान्हा बोले राधिके,घोल प्रीत के रंग ।
रोम -रोम में बज उठे ,इस फागुन में चंग।। जैसे बेहतरीन दोहे प्रस्तुत किये,
शशांक मोहन ,विकास पाण्डेय,कोल जे के सिंह आयोजन में मौजूद रहे। इकाई संयोजिका एवं मंत्री कवयित्री साधना शर्मा गीत ने मंच संचालन किया व श्रृगांर रस पर गजल कही। प्रांतीय नाट्य विधा प्रमुख डा0सुरेश वशिष्ठ ने श्रृंगार रस पर कविता कही। सम्पूर्ण आयोजन को खूब सराहा गया केसरिया लाल हरे पीले गुलाल लगा कर सभी ने एक दूसरे को बधाईयाँ दी,भाई चारे के भावों परम्पराओं को को बढावा देने वाला यह शानदार और यादगार बना मुख्य अतिथियों का अंग वस्त्रों व मोतियों की माला से व आमंत्रित अतिथि कवियों को स्वागत सम्मान पत्र दे कर सम्मानित किया गया।