कैसे हो भ्रष्टाचार मुक्त हमारा भारत देश ?

06 Mar 2018 12:23:50 PM

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भाई जी आगे की फसल वही तो होगी जो आज बीज बोया जाएगा तो पहले आज का बीज देखें नहीं तो कल कहना होगा अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत I
भ्रष्टाचार दूर करने का दावा करने वाली सरकार पूर्णतया लिप्त है भ्रष्टाचार में ?
यह तो वही बात हो गई कि अपनी सरकार होने पर कोर्ट से अपने खिलाफ सारे मुकदमें वापस ले लिए जाए I गरीब किसान कर्ज के दबाव में जान दे दे और मक्कार/बदमाश अमीर लोग देश लूट कर देश छोड़कर भाग जाए, और आप जैसे चौकीदार कहें कि छोड़िए भी अब कुछ और बात करें ? वाह रे मेरे देश भक्तों I
(1) गरीब को घर-घर जाकर फ्री रसोई गैस बाटी, लेकिन क्या उसने आज तक दोबारा सिलेंडर रिफिल कराया I
(2) गरीबों को घर घर फ्री बिजली कनेक्शन दिए जा रहे हैं, उनमें से कितने प्रतिशत ने आज तक बिल जमा किया, क्या हो जाता अगर प्रीपेड बिजली मीटर लगा दिया जाता, मीटर रीडर एवं बिजली के बिल की वसूली की टीम का रोजगार भी खत्म हो गया होता, पहला कदम होता भ्रष्टाचार दूर करने में I
(3) आश्रयहीन कॉलोनी में जल निगम फ्री पानी की लाइन के कनेक्शन एवं सीवर कनेक्शन कर रहा था, वह भी बिना आवंटी के आवेदन पर I 
(जल निगम अधिकारियों ने उस मकान में रहने वाले व्यक्ति से उसके आधार कार्ड की प्रतिलिपि के साथ फॉर्म भरवाकर कर दिया कनेक्शन, आवंटी का संज्ञान लिए बगैर)
अब वास्तविकता तो यह है कि इन आश्रयहीन कालोनियों में अधिकांश गरीब आवंटी तो कभी के इन मकानों को पावर ऑफ अटार्नी पर फर्जी तरीके से बेचकर भाग चुके हैं और आज यहां अवैध रूप से रह रहे हैं धनवान/बिचौलिए/किराएदार ? गरीबों के नाम पर बांटे जा रहे मकानों के मालिक आज गरीब नहीं धनवान बिचौलिए हैं जिनके पास एक नहीं इन आश्रयहीन कालोनियों में कई मकान है, जिनमें किसी एक में वह स्वयं तो रहे ही रहे हैं, बाकी धन उगाही के लिए किराए पर उठा रखे हैं I
अब कानूनी बात तब फंसेगी, जब आवंटी की जगह फर्जी पावर ऑफ अटार्नी वाला व्यक्ति एवं किराएदार के नाम हो जाएंगे यह पानी एवं सीवर के कनेक्शन, जल निगम तो बीज बोकर चला जाएगा इसकी फसल कल जलकल को काटनी है, किससे करेगा जलकल विभाग पानी एवं सीवर के बिल की वसूली ?
(4) हर गरीब को आवास देने के तहत वर्षों से योजनाएं चल रही है, लेकिन कंप्यूटर पर ऐसा कोई फूलप्रूफ सिस्टम नहीं है कि एक गरीब को एक से अधिक मकान का आवंटन ना हो सके, मात्र एक एफिडेविट लेकर कि उसके पास और कोई मकान नहीं है खानापूर्ति हो रही है I
किस्त पूरी होने के बाद इन मकानों का पंजीकरण ना कर एनओसी दे दिया जाता है I
अगर आज इन मकानों की जांच की जाए तो एक ही व्यक्ति के नाम में एक से अधिक मकान मिलेंगे और यह भी पता चलेगा कि उसने अभी भी प्रधानमंत्री आवास योजना में भी मकान पाने के लिए आवेदन किया हुआ है I 
यानी गरीबों के नाम पर बांटे जा रहे मकानों में भी खेल ?
मेरा सिर्फ एक सवाल, क्या आश्रयहीन कॉलोनी में आधार कार्ड द्वारा एक व्यक्ति के पास एक मकान से ज्यादा मकान होने पर उसे निरस्त कर दूसरे गरीब को नहीं दिया जाना चाहिए I भाई आधार कार्ड से तो एक से अधिक घरेलू रसोई गैस धारको को गैस सब्सिडी का दुरुपयोग रोकने के लिए चिन्हित कर लिया गया था, और दूसरा कनेक्शन भी निरस्त कर दिया गया था तो दूसरा मकान आश्रयहीन  कॉलोनी में निरस्त कब होगा ?
(5) रोज-रोज नगर निगम पैसे की कंगाली होने का रोना रोता है, लेकिन नगर निगम की आय गृह कर, पानी एवं सीवर टैक्स से होती है I
आज 70 फ़ीसदी लोग गृह कर देते ही नहीं है और वास्तविक क्षेत्रफल के हिसाब से घरों का नगर निगम द्वारा सत्यापन करने पर 99% मिलेंगे डिफाल्टर I
फिर नगर निगम टैक्स वसूली ना कर रोज-रोज कंगाली का रोना क्यों रोता है ?
(6) कब होगा देश में बिजली चोरी का खेल खत्म, जिस देश में नोटबंदी लागू की गई हो वहां हर घर/कार्यालय में प्रीपेड बिजली के मीटर लगाने में आनाकानी क्यों, भाई मीटर रीडर एवं बिल वसूली टीम का रोजगार भी समाप्त हो जाएगा I
(7) देश में लूट मारी इस कदर बढ़ चुकी है कि अब मुख्यमंत्री सामूहिक शादी कार्यक्रम में शादीशुदा एवं दो दो बच्चों के बाप भी 20 हजार रुपए एवं आभूषण के लालच में दोबारा पहुंच गए शादी रचाने, और नकली निकले सरकार द्वारा बांटे गए आभूषण भी I

भाई पिछले 70 सालों से देश बर्बाद होता चला आ रहा है जिसको अब मोदी सरकार द्वारा सुधारा एवं संवारा जा रहा है, तो फिर देर किस बात की, अब कहीं यह मत कह देना कि 70 साल की गंदगी 04 वर्षों में थोड़े ही साफ हो जाएगी, क्योंकि नोटबंदी लागू कर यह प्रमाणित किया जा चुका है कि कोई भी नियम तत्काल लागू किया जा सकता है बस सरकार की मर्जी होना चाहिए ?
तो देश हित में इन सब खामियों को दूर करने में देरी किस बात की, जब जागो तब सवेरा I
आओ हम सब मिलकर करें एक नए भ्रष्टाचार मुक्त देश का निर्माण I जनहित में जारी I

विजय गुप्ता,
(सामाजिक कार्यकर्ता)
 

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