आधियो में भी जलने वाले चराग "मुनीश जिन्दल "

10 Jun 2017 09:52:03 AM

मनोरंजन समाचार

खेल समाचार

उत्तम वक्ता , लेखक ,साहित्य प्रेमीभारत के पहले सेल्फ बैलेंसिंग स्कूटर हॉवर रोबोटिक्स के संस्थापक एवं सीईओ मुनीश जिंदल  से बात चीत के कुछ अंश -

 

भारत के पहले सेल्फ बैलेंसिंग स्कूटर हॉवर रोबोटिक्स के संस्थापक एवं सीईओ मुनीश जिंदल एक रिसर्चर, ट्रेड गुरू, प्रेरणादायक वक्ता और उद्यमी हैं। अपनी कड़ी मेहनत की बदौलत मुनीश जिंदल ने काफी कम समय में बिजनेस जगत में अपना एक अलग नाम बनाया है। एक मध्यवर्गिय परिवार में जन्में मुनीश जिंदल शुरू से मेधावी रहे हैं। अपनी पढ़ाई से लेकर व्यावसायिक जगत में इनके नाम के साथ कई रिकॉर्ड जुड़े हुए हैं। मुनीश ने अपनी एमबीए यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी, सिडनी, ऑस्ट्रेलिया  से की है। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया से ही सी.ए. की डिग्री प्राप्त की और साथ में कम्प्यूटर्स न आईटी में डिप्लोमा भी किया। उन्होंने कांफ्रेंस एंड एक्सहिबिशन मैनेजमेंट में भी आईटीएफटी से कोर्स किया है।

अपनी कैरियर की शुरुअता उन्होंने अपने पिता के साथ उनके कोल और ऑटो पार्ट्स बिजनेस से की थी। इसके साथ टेक्सटाइल, केमिकल्स, रियल एस्टेट, इंफ्रास्ट्रक्चर में भी अपने हुनर का लोहा मनवाया। इसके बाद कुछ अलग करने की तमन्ना को लेकर मुनीश जिंदल  ने हॉवर रोबोटिक्स की नींव डाली। देखते-देखते यह बिजनेस भी नई ऊंचाइयों को छू रहा है। उद्योगपति, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन के चलते उन्हें बहुत बहुत से पुरस्कार मिले। आई.आई.टी – इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, रोपर ने मुनीश जिंदल को सम्मान से नवाज़ा है, साथ में मुनीश को यंग एंटरप्रेनर का अवार्ड और टाइम्स ऑफ इंडिया ग्रुप से यंग लीडर इनिशिएटिव  अवार्ड भी मिल चुका है। मुनीश को वेनहुसेन मोस्ट  फैशनेबुल प्रोफेशनल चुना गया और पीपल मैटर्स द्वारा आयोजित "आर यू इन दी लिस्ट २०१५", में भी शामिल किया गया। इसके अलावा भी  मुनीश को कई अवार्ड मिले है। 

होवेर्रोबॉटिक्स दुनिया की ५ टॉप ब्रांड्स में से एक है, साथ ही भारत का पहला और एकमात्र ब्रांड है। होवरबॉर्ड्स आर्टिफीशीयल इंटेलीजेन्स  पे काम करने वाले उत्तम रोबोट है। सरल शब्दों में बोले तो आपका मष्तिष्क इसकी गतिविधि को वैसे ही नियंत्रित कर सकता है जैसे आप अपने किसी और अंग को निर्देशित करते है। होवर को ४ से ६० साल की उम्र में कोई भी कहीं भी चला सकता है। आप इसे कहीं भी चला सकते है घर, रोड्स, मॉल, पार्क या जहाँ भी आप चलना चाहे ! 

मुनीश का जन्म  एक मध्यम वर्ग् परिवार में हुआ। लेकिन मुनीश ने कभी आर्थिक परिस्थितयों को अपनी सफलता के बीच  में नहीं आने दिया और सिर्फ १५ वर्ष की आयु  में वे एक उद्योजक बन गए। अपने व्यवसाय की शुरुआत उन्होंने अपने पिता के साथ कोल् और ऑटो पार्ट व्यवसाय से की थी। इसके इलावा उन्होंने कोल् माइनिंग और मिनरल, केमिकल और टेक्सटाइल, कंसल्टेंसी और ट्रेड, रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर, और फैशन इत्यादि व्यवसायों को भी संभाला। मुनीश एग्रेस इंटरप्राइजेज, मनीष इंटरप्राइजेज और मनोमय के भी संस्थापक है। मनीष इंटरप्राइजेज पे एक डॉक्टर स्कॉलर ने केस स्टडी भी की है जो की आईवे पब्लिकेशन लंदन में रिचर्ड आईवे द्वारा प्रकाशित है।

ऑस्ट्रेलिया में पढ़ते समय मुनीश को अपनी शिक्षा और जीवन यापन को ले कर संघर्ष करना पड़ा। विदेश में पढ़ते हुए अपनी शिक्षा के खर्चे और जीवन यापन करने के लिए वे सेवन-एलेवेन में कार्यरत थे और अपने कॉलेज सहपाठियों को इंग्लिश में टूशन दिया करते थे। उन्हें ऑस्ट्रेलिया में ही बसने का अवसर प्राप्त होते हुए भी उन्होंने वापिस अपने देश आ कर कुछ करना बेहतर समझा।

इसके इलावा मुनीश को  ट्राई सिटी लीजिंग एसोसिएशन, यु.टी.एस. एलुमनाई नेटवर्किंग, मेंबर ऑफ़ सीपीए ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रेलिया-एशिया युथ बिज़नेस कॉउंसिल की सदसयता भी हासिल है।

मुनीश अपने पिता को अपना निर्देशक मानते है। उनका कर्मा में दृढ विश्वास है। उनका मानना है की निरंतर प्रयास ही सफलता की कुंजी है। मुनीश एक उत्तम वक्ता होने के साथ साथ लेखक और साहित्य प्रेमी भी है। अपने खाली समय में वे पढ़ना पसंद करते है। साथ में उन्होंने लुधिआना में बुक क्लब की भी स्थापना की है। वे मानते है की व्यस्त जीवन में स्वयं के लिए वक़्त निकालना बहुत जरूरी है।

मुनीश विशाल प्रतिभा के धनी है और उनका सपना है कि वो भारत को नई टेक्नालाजी में सबसे आगे ला कर खड़ा करें। होवेर्रोबॉटिक्स की सफलता की कहानी दृढ निश्चय और निरंतर प्रयाशो का उद्धरण है। 

संकलन -सविता सम्बयाल 

मुख्य समाचार