अब वक्त आ गया है कि मिल कर ये पुकरा जाये

14 Apr 2018 14:23:07 PM

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अब वक्त आ गया है कि मिल कर ये पुकरा जाये ....
'औरत' तो सर का ताज है, ईसे यूही सवारा जाये ....

आखिर  क्या हो रहा है आज हमारी  सोच-समाज को .. !!
अब वक्त आ गया है, खुद को आइने मे उताारा जाये ....

एक माँ , एक बेटी, एक पत्नी , और ना जाने कितने रूप है ....
एक औरत की तस्विर को पहले  दिल से निखारा जाये ....

कभी आम आदमी, कभी नेता , कभी कोई धर्म गुरू .. !!!!
जो औरत को इज्जत देना ना जाने, उन्हे दुत्कारा जाये ....

आज हम एकसवी (21) सदी में है, पर भी सुरक्षित नहीं ....
क्या आज भी मुज़रिम आखों  के सामने से आवारा जायें ...।

ज़ुर्म करना  अगर गुना है ते ज़ुल्म सहना भी गुनाह है .. !!
घिनोनी हरकत मे  क्यू मारा, किसी के आँख का तारा जाये ....

दोस्तों  गर औरत को इज्जत ना दे सको तो तूम इंसान नही ....
सोच को बदलो, सबसे पहेले यहाँ खुद को सुधारा  जाये ....... कविता राजगडकर।परमार्थ डेस्टीटुट फाउंडेशन ।।

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